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"तेरे निशान" निशाँ उसके होने के मैं सबको यूँहीं दिखाती नहीं। वो हो कभी नजदीक तो फलसफ़ा मोहब्बत का सुनाती नहीं।। रहा चलते चुभ जाएं जो कांटा कभी पैर ...
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